वैज्ञानिकों और यूएन एजेंसियों ने अनुमान लगाया है कि धरती पर सिर्फ 55 साल के लिए खेती लायक मिट्टी बची है। एक्सपर्ट्स ने विनाशकारी खाद्य संकट की चेतावनी दी है, जिससे दुनिया में भयावह गृहयुद्ध छिड़ सकता है। हमारे पास मिट्टी को बचाने के लिए बहुत कम समय बचा है, अगर हम कल एक बेहतर जीवन की उम्मीद करते हैं, तो उसके लिए हमें आज, अभी प्रयास करने होंगे. सचेतन धरती का संदेश रचने के लिए यह हमारा प्रयास है.
शब्द रचना और दृश्य संपादन : उपमा ऋचा
स्वर : डॉ स्मृति बघेला
प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद कोलकाता
भविष्य को बचाने की गहरी बेचैनी के साथ एक प्रभावी चित्रपाठ।मिट्टी की उर्वरता से ही जीवन की हरियाली बची रह सकती है।एक जरूरी विषय पर अर्थपूर्ण प्रस्तुति।उपमा ऋचा जी सहित वागर्थ टीम को बधाई।
मिट्टी को बचाने ,जीवन को बचाने का अद्भुत प्रयास। दर्शकों में एक तड़प जगा पाने में सफल रचना।बधाई।
बेहद गंभीर पर्यावरणीय समस्या की बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति द्वारा प्रस्तुति 🌻✨