अनुवादक – मंजु श्रीवास्तव

आकाशवाणी में उद्घोषणा के कार्य।कविता संग्रह : हजार हाथ।बांग्ला और अंग्रेजी से कई रचनाओं का अनुवाद।

विक्टर ह्यूगो

(१८०२१८८५) विख्यात फ्रेंच लेखक।अपने समय के प्रसिद्ध रोमानी लेखक के रूप में विख्यात।ल मिजरेबुलइनका विख्यात उपन्यास है।

कल भोर में

कल भोर में
जिस समय सारा गांव उजाले से भर रहा होगा
मैं निकल पड़ूंगा, समझ रही हो न तुम
मुझे पता है, तुम मेरा इंतजार कर रही हो
मैं जंगलों से गुजरते हुए
पहाड़ों पर चढ़ते हुए
आऊंगा तुम्हारे पास
अब और नहीं रह सकता मैं तुमसे दूर
मैं घिसटता हुआ चलूंगा
मेरी आंखों, मेरे विचारों में होगी सिर्फ तुम
अपने चारों तरफ हर चीज से रहूंगा मैं बेपरवाह
कुछ भी न दिखेगा, न सुनाई देगा मुझे
मैं अकेला, अनजान, झुकी कमर, बंधे हाथ
यह उदास दिन होगा मेरे लिए जैसे अंधेरी रात हो
मैं न उतरती हुई सुनहरी सांझ देख पाऊंगा
न दूर हरफ्लिउर की ओर जाते जहाजों को
जब मैं पहुंचूंगा
रखूंगा तुम्हारी कब्र पर
हरे-हरे शूलपर्णी फूल
और विशेष किस्म की झाड़ियों से तैयार गुलदस्ता।

मंजु श्रीवास्तव, सी११., एनबीसीसी विबज्योर टावर्स, न्यू टाउन, कोलकाता७००१५६ मो.९६७४९८६४९५