सिलीगुड़ी में अध्यापन।अद्यतन काव्य संग्रह ‘सीपी में समंदर’।कई पुरस्कारों से सम्मानित।
जीवन की हरियाली
नदी पूरी नदी कहां होती है
थोड़ी मां होती है
पहाड़ होते हैं पिता
शामिल होते हैं सुख-दुख में
बारिशें दे देती हैं हमें सब कुछ
अपने तरीके से
आकाश और धरती की मंत्रणा से
बिछा देती हैं हरियाली जीवन में
वृक्ष पूरे वृक्ष कहां होते हैं
होते हैं सहोदर
जीवन की विचलिताओं में भर देते हैं ऊष्मा
धरती पूरी धरती कहां होती है
होती है स्त्री
आंधी-तूफानों में विवेक संज्ञान बन
बांध लेती है हमारी हताशाओं को
अपने पल्लू की गांठ में
आसमान पूरा नीला कहां होता है
होता है सखा
जो हमारे स्याह अंधेरों को
छिपा लेता है अपने सीने में
चांद पूरा चांद कहां होता है
होता है प्रेमी
जो प्रेमिका की उदास आंखों में
बांध देता है रोशनी की लड़ियां
समुद्र पूरा समुद्र कहां होता है
होता है उत्सव
जो जीवन के कोलाहल को
बदल देता है उत्ताल लहरों की उमंगों में।
संपर्क :ड्रीम वैली, दूसरा ब्लॉक, फ्लैट ५ सी, डागापुर, सिलीगुड़ी, जिला–दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल–७३४००३ मो. ८२५०४०२९६१