स्वतंत्र लेखन।दो कहानी संग्रह, ‘एक नींद हज़ार सपने’, ‘सुबह ऐसे आती है’। आज भी मेट्रो में बहुत भीड़ है।वैसे कश्मीरी गेट आने से पहले भीड़ तो हो ही जाती है।यहां से कई लाइन्स जो जुड़ी हैं।जहां तक देखो अपने सपनों का पीछा करते चेहरों की भीड़ नजर आती है।वह अब तक मोबाइल में न्यूज...
Recent Comments