कहानी संग्रह ‘इस पथ का अंत कहाँ’।संप्रति-भारतीय रेल में अधिकारी। वातावरण में इतनी वीरानी छाई हुई थी कि सांस की आवाज स्पष्ट सुनी जा सकती थी।कीट पतंगों और अन्य जंगली जानवरों की आवाज इस वीरान वातावरण को और भयावह बना रही थी।अभी तीन चार दिन पहले ही दस पुलिस जवानों से भरी...
Recent Comments