कवयित्री, कहानीकार और सामाजिक कार्यकर्ता। हँसी कड़कती ठंड हैपुरुष काम से लौट आए हैंवे अलाव के चारों तरफ जमा हैंदुनिया भर की बातों पर ठहाके निकल रहे हैंपड़ोस की महिला सुन रही हैं ठहाकों कोवे चुप हैंवे कहां हैंदिखाई नहीं देतींपर, तुम समझ सकते हो किवे कहां...
कवयित्री, कहानीकार और सामाजिक कार्यकर्ता।कहानी, कविता और शिक्षा पर चार पुस्तकें प्रकाशित।शिक्षक प्रशिक्षक के रूप में राजस्थान में कार्यरत। चलना चलना कितनी सुंदर क्रिया हैएक बच्चे का चलनाएक बछिया का चलनाएक रेलगाड़ी का चलनाएक घड़ी का चलनाएक बच्चे का चलनाएक...
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