माया एंजेलो की कविता सुबह  की नब्ज पर, अनुवाद : बालमुकुंद नंदवाना

माया एंजेलो की कविता सुबह की नब्ज पर, अनुवाद : बालमुकुंद नंदवाना

कवि और अनुवादक। बहुत पहले नष्ट हो चुकी प्रजातियों के मेजबान-एक चट्टान, एक नदी, एक वृक्ष,जिन पर मैस्टोडॉन ने छाप छोड़ीडायनासोर, जिन्होंनेहमारे ग्रह परअपने अस्तित्व केशुष्क प्रमाण छोड़ेउनकी त्वरित विनाश की व्यापक चेतावनीयुगों के धुंधलके में कहीं खो हो गई हैलेकिन आज,...
विस्मृति से एतराज : स्वयं प्रकाश की कहानियाँ/ बालमुकुंद नंदवाना

विस्मृति से एतराज : स्वयं प्रकाश की कहानियाँ/ बालमुकुंद नंदवाना

चर्चित अनुवादक, पुस्तक ‘हिंदू धर्म प्रवेशिका’ समकालीन हिंदी कहानी के प्रकाश स्तंभ स्वयं प्रकाश को विशिष्ट पहचान दिलाने वाले प्रमुख तत्व हैं – यथार्थ की उनकी गहरी समझ, उनका वैज्ञानिक दृष्टिकोण और रचनात्मक विवेक, सोद्देश्यता और शिल्प के प्रति उनकी सजगता। इन सभी तत्वों...